छठ पर्व के बाद किसानों को मिलेगा अनुदानित दर पर चना-मसूर बीज,ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया जारी

 

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रिपोर्ट- आसुतोष सिंह

प्रखंड क्षेत्र के किसानों के लिए खुशखबरी है। कृषि विभाग द्वारा चना और मसूर बीज का वितरण आगामी छठ पर्व के बाद किया जाएगा। इस योजना के तहत किसानों को 80 प्रतिशत सरकारी अनुदान पर गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराया जाएगा। प्रखंड कृषि पदाधिकारी देवाशीष कुमार ने जानकारी दी कि इच्छुक किसान कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

 

कृषि पदाधिकारी के अनुसार, इस बार चना बीज का लक्ष्य 89 क्विंटल रखा गया है, जिनमें से 36 क्विंटल बीज प्रखंड को प्राप्त हो चुका है। किसानों को यह चना बीज 42 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से मिलेगा। वहीं मसूर प्रत्यक्षण बीज योजना के तहत 225 किसानों को आठ-आठ किलोग्राम बीज निशुल्क दिया जाएगा। इसके लिए नौ पंचायतों का चयन किया गया है।

 

प्रखंड में विभिन्न फसलों के प्रत्यक्षण कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे। सरसों प्रत्यक्षण के लिए दो क्लस्टर बनाए गए हैं, जिनमें 25-25 किसानों को दो-दो किलोग्राम बीज दिया जाएगा। तीसी का बीज तीन क्विंटल मात्रा में तीन क्लस्टरों में 75 किसानों को वितरित किया जाएगा। वहीं प्रत्यक्षण चना बीज आठ क्विंटल एक क्लस्टर में 25 किसानों से लगवाया जाएगा। इसके अतिरिक्त दूसरी प्रत्यक्षण चना योजना के अंतर्गत 64 क्विंटल बीज आठ क्लस्टरों में 200 किसानों को दिया जाएगा, जिसमें प्रत्येक किसान को 32 किलोग्राम बीज प्राप्त होगा। मसूर प्रत्यक्षण योजना के तहत 36 क्विंटल बीज नौ क्लस्टरों में 225 किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही सरसों प्रत्यक्षण के लिए 50 किलोग्राम बीज एक क्लस्टर में 25 किसानों को वितरित किया जाएगा।

 

अनुदानित दरों पर गेहूं, सरसों, मटर और हरि मटर बीज भी उपलब्ध कराए जाएंगे। किसानों को गेहूं बीज 515 क्विंटल की मात्रा में 25 रुपये प्रति किलो की दर से मिलेगा, जिस पर 20 रुपये का सरकारी अनुदान है। सरसों बीज पर 95 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, जिससे किसानों को यह मात्र 21 रुपये प्रति किलो में प्राप्त होगा। इसी तरह मटर बीज 27 रुपये प्रति किलो और हरी मटर बीज 36 रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध होंगे, जिन पर 80 प्रतिशत अनुदान का लाभ किसानों को मिलेगा।

 

कृषि विभाग की इस पहल से प्रखंड के किसानों को रबी फसल की बुआई में बड़ी राहत मिलेगी। विभाग का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठाकर बेहतर उत्पादन करें और आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में कदम बढ़ाएं।

छठ पूजा शुभकामनाएँ
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