रिपोर्ट- चन्दन कुमार एवं टीम
बांका (बिहार) – बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तिथि घोषित होते ही बांका जिले में सियासी तापमान तेजी से बढ़ गया है। जिले की पांचों विधानसभा सीटों – अमरपुर, धोरैया, बांका, कटोरिया और बेलहर – पर 11 नवंबर को मतदान होना है, जबकि 14 नवंबर को मतगणना के बाद परिणाम घोषित किए जाएंगे। राजनीतिक दलों के भीतर टिकट को लेकर जोड़तोड़, समीकरण और समीक्षाएं तेज हो चुकी हैं।
अभी तक किसी भी पार्टी ने आधिकारिक तौर पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, जिससे जिले भर में कयासों का दौर जारी है। खासकर संभावित प्रत्याशियों में बेचैनी साफ देखी जा रही है। कई नेताओं ने पटना और दिल्ली में डेरा डालकर टिकट के लिए अपने संपर्क और सियासी रसूख का उपयोग करना शुरू कर दिया है।
विधानसभा क्षेत्रों की स्थिति और मतदाता
बांका जिले की कुल जनसंख्या 25,20,780 है, जिनमें से 14,51,593 मतदाता आगामी चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 31,275 युवा मतदाता ऐसे हैं जो पहली बार वोट डालेंगे।
विधानसभावार मतदाता संख्या इस प्रकार है:
बेलहर – 3,19,014 (सबसे अधिक)
धोरैया – 3,06,356
अमरपुर – 2,97,478
कटोरिया – 2,69,586
बांका – 2,59,159 (सबसे कम)
राजनीतिक स्थिति
वर्तमान में जिले की विधानसभा सीटों पर दलों का यह स्थिति है:
कटोरिया – भाजपा
बांका – भाजपा
धोरैया – राजद
बेलहर – जदयू
अमरपुर – जदयू
2025 के चुनाव में दलों के सामने सबसे बड़ी चुनौती नए चेहरों और पुराने नेताओं के बीच संतुलन बनाना है। कई विधानसभा क्षेत्रों में इस बार अप्रत्याशित चेहरे भी टिकट की दौड़ में हैं। वहीं, कुछ पुराने नेता अपने राजनीतिक अनुभव और पकड़ के आधार पर दोबारा मैदान में उतरने की तैयारी में हैं।
गठबंधन और दल बदल का दौर
सूत्रों के अनुसार, एक सत्ताधारी दल के वरिष्ठ नेता अपने बेटे को विपक्षी पार्टी से टिकट दिलाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वे अपने गठबंधन के सभी कार्यक्रमों से दूरी भी बना चुके हैं। अमरपुर से भी एक पूर्व प्रत्याशी अपने दल से असंतुष्ट होकर नई पार्टी या दूसरे दल में जाने की संभावना तलाश रहे हैं।
इस बार एक नई पार्टी भी बांका की सभी पांच सीटों पर पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह पार्टी जिले में कितना जनाधार बना पाती है।
प्रशासनिक तैयारी और मतदाता जागरूकता
प्रशासन द्वारा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। मतदान केंद्रों पर सुविधाएं उपलब्ध कराने, शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने और मतदाताओं को जागरूक करने के लिए लगातार बैठकें हो रही हैं। इस बार चुनाव आयोग का लक्ष्य जिले में 80% से अधिक मतदान सुनिश्चित करना है।
त्योहारी सीजन के साथ-साथ जिले में एक महीने तक चुनावी माहौल पूरी तरह गर्म रहेगा। आम लोगों के बीच भी चुनाव को लेकर चर्चा तेज हो गई है। आने वाले दिनों में जैसे-जैसे प्रत्याशियों की घोषणा होगी, जिले का सियासी समीकरण और रोचक हो जाएगा।



