जिला पदाधिकारी के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास निगम तथा जिला हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ वीमेन, बांका की ओर से शुक्रवार को संप्रोषित कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र, ढाका मोड़ में बाल विवाह रोकथाम एवं निषेध को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में जिला परियोजना प्रबंधक संजय कुमार सिन्हा ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि लड़कियों की शादी 18 वर्ष और लड़कों की शादी 21 वर्ष के बाद ही होनी चाहिए। इससे कम उम्र में हुई शादी कानूनन अपराध है और इसके कई गंभीर दुष्परिणाम होते हैं। उन्होंने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत न केवल वर-वधु पक्ष के अभिभावक, बल्कि शादी में शामिल पंडित, मौलवी, टेंट, कैटरर्स, बैंड-बाजा, मैरेज हॉल मालिक और बारातियों तक पर कार्रवाई की जा सकती है।
वित्तीय साक्षरता विशेषज्ञ शेखर कुमार दास ने कहा कि इस कानून के उल्लंघन पर दो वर्ष तक की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। लोगों से अपील की गई कि किसी भी बाल विवाह की सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, आपातकालीन नंबर 112 या महिला हेल्पलाइन 181 पर दें।
इस मौके पर लैंगिक विशेषज्ञ मोहम्मद महबूब आलम ने सभी को बाल विवाह रोकथाम की शपथ दिलाई। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि अनुमंडल पदाधिकारी बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी सहायक प्रतिषेध पदाधिकारी होंगे। बाल विवाह की सूचना संबंधित थाना, पंचायत के मुखिया और सरपंच को भी दी जा सकती है।