मुजफ्फरपुर| चतुर्दशी का पर्व शनिवार को पूरे देश के साथ-साथ बिहार के मुजफ्फरपुर में भी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया गया। सुबह से ही शहर के प्रमुख मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। गरीबनाथ मंदिर में तो भक्तों का सैलाब देखने को मिला। यहां श्रद्धालु फल, फूल और पीले धागे का अनंत सूत्र लेकर पहुंचे और भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की विशेष पूजा की।
गरीबनाथ मंदिर बना श्रद्धालुओं का केंद्र
सुबह से ही गरीबनाथ मंदिर परिसर भक्तों की आवाजाही से गुलजार रहा। पुरुष, महिलाएं और बच्चे सभी अपने हाथों में 14 गांठों वाला पीले धागे का अनंत सूत्र लेकर पहुंचे। पंडितों ने विधिवत पूजा-अर्चना कराई और भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप का आह्वान किया। पूजा के बाद श्रद्धालुओं ने परंपरा के अनुसार अनंत सूत्र अपने हाथों में बांधकर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
गणपति बप्पा को दी गई विदाई
अनंत चतुर्दशी के साथ ही गणेश उत्सव का समापन भी हुआ। 10 दिनों तक चले गणेशोत्सव में शहरभर में गणेश पंडाल सजाए गए थे। शनिवार को गणेश विसर्जन के साथ गणपति बप्पा को विदाई दी गई। ढोल-नगाड़े और जयकारों के बीच श्रद्धालुओं ने गणेश प्रतिमा को नदी और तालाबों में विसर्जित किया। इस दौरान भक्तों ने “गणपति बप्पा मोरया” के जयघोष के साथ उत्सव का समापन किया।
धार्मिक मान्यता और महत्व
पंडितों के अनुसार अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा और अनंत सूत्र धारण करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं। व्रत रखने और कथा पाठ करने से घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।
मुजफ्फरपुर समेत पूरे प्रदेश में पर्व का उत्साह
गरीबनाथ मंदिर के अलावा शहर के अन्य मंदिरों—काली मंदिर, रामदयालु मंदिर, जुरन छपरा मंदिर और ग्रामीण इलाकों के शिवालयों में भी श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। हर जगह भक्तिमय माहौल बना रहा। दिनभर शहर और आसपास के इलाकों में धार्मिक अनुष्ठानों की गूंज सुनाई दी। इस तरह मुजफ्फरपुर सहित पूरे प्रदेश में अनंत चतुर्दशी का पर्व आस्था और उल्लास के साथ मनाया गया।