झारखण्ड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन अपने पैतृक गांव नेमरा पहुंचे, जहां उन्होंने दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के निधन के पश्चात होने वाले पारंपरिक अनुष्ठानों — तीन नहान, दस कर्म, और श्राद्ध कर्म — को लेकर ग्रामीणों के साथ गहन चर्चा की।
इस अवसर पर गांववासियों ने इन पारंपरिक अनुष्ठानों से जुड़ी अपनी मान्यताओं, अनुभवों एवं परंपराओं को मुख्यमंत्री के साथ साझा किया। ग्रामीणों ने बताया कि तीन नहान का आयोजन मृतात्मा की शुद्धि और आत्मिक शांति के लिए किया जाता है, जबकि दस कर्म मृत्यु के दसवें दिन होने वाला एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अनुष्ठान है, जो मृत व्यक्ति की आत्मा की मोक्ष प्राप्ति के लिए आवश्यक माना जाता है। श्राद्ध कर्म पितरों की शांति और आशीर्वाद प्राप्त करने के उद्देश्य से किया जाने वाला परंपरागत कर्मकांड है।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने ग्रामीणों से मिले सुझावों को गंभीरता से सुना और इन अनुष्ठानों की तैयारी एवं व्यवस्था का स्वयं जायजा लिया। उन्होंने यह भी कहा कि गुरूजी (शिबू सोरेन जी) के जीवन के आदर्श और मूल्य, झारखंड और देश की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।
मौके पर उपस्थित ग्रामीणों ने गुरूजी के साथ बिताए संस्मरणों को साझा करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनका सादा जीवन, जनजातीय संस्कृति के प्रति गहरी आस्था और लोगों के लिए समर्पण सदैव याद रखा जाएगा।