बिहार के मोतिहारी के पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन प्रखंड स्थित भगवानपुर गांव के उच्च विद्यालय को आखिरकार 20 वर्षों बाद रास्ता मिल गया है। लंबे समय से सड़क के अभाव में करीब एक हजार छात्र-छात्राएं पगडंडियों के सहारे स्कूल आ-जा रहे थे। इस दौरान बारिश में फिसलने और भीगने की घटनाएं आम हो गई थीं।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक सचिन कुमार ने बताया कि वर्षो से रास्ता न होने के कारण स्कूल प्रशासन और छात्रों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही थी। कई बार विभागीय अधिकारियों, बीईओ और अंचलाधिकारी को आवेदन दिया गया, लेकिन किसी ने भी समाधान की दिशा में ठोस पहल नहीं की।
विद्यालय की जमीन पर स्थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया था, जिससे पक्की सड़क निर्माण असंभव हो गया था। कई प्रधानाध्यापक और अधिकारी बदले, लेकिन समस्या जस की तस बनी रही।
अब श्रीपुर पंचायत के मुखिया उदय जायसवाल की सक्रिय पहल से स्थिति बदल गई है। उन्होंने पहले घोड़ासहन प्रखंड मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया और फिर अंचलाधिकारी से मिलकर स्कूल की स्थिति से अवगत कराया। इसके बाद स्कूल की भूमि की पैमाइश कराई गई और अतिक्रमित जमीन को जेसीबी मशीन से खाली कराया गया।
अब स्कूल तक पक्के रास्ते का निर्माण शुरू हो गया है। इससे छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों में हर्ष की लहर है। वर्षों से सड़क के लिए जूझ रहे विद्यालय को आजादी मिलने पर लोग मुखिया की सराहना कर रहे हैं। यह पहल सरकारी स्कूलों की उपेक्षा के खिलाफ एक सकारात्मक उदाहरण बनकर सामने आई है।