बिहार में जर्जर मकान गिरने से,दबकर दादी और पोते की मौत

 

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बिहार के नालंदा जिले में बुधवार की सुबह एक दर्दनाक हादसे की खबर आई, जिसने पूरे इलाके को दहला दिया। रहुई थाना क्षेत्र के इमामगंज गांव में देर रात एक जर्जर मकान ढह गया, जिसमें दबकर दादी और पोते की मौत हो गई, जबकि एक पोता गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे में मृतकों की पहचान 80 वर्षीय फुलिया देवी, पत्नी आनंदी महतो और 14 वर्षीय आशीष कुमार, पुत्र धर्मवीर कुमार के रूप में हुई है। वहीं, 12 वर्षीय निरंजन कुमार गंभीर रूप से जख्मी है, जिसका इलाज विम्स पावापुरी में चल रहा है।

 

घटना के संबंध में परिजनों ने बताया कि यह मकान करीब 60 साल पुराना था और काफी जर्जर हो चुका था। रात को भोजन करने के बाद परिवार के सभी सदस्य अपने-अपने स्थान पर सोने चले गए। फुलिया देवी अपने दो पोतों आशीष और निरंजन के साथ कमरे में सो रही थीं। इसी दौरान देर रात अचानक मकान का छत भरभराकर गिर पड़ा, जिससे दादी और दोनों पोते मलबे में दब गए। घर के आंगन में करकट के नीचे सो रही शोभा देवी और उसका बेटा इस हादसे से बाल-बाल बच गए।

 

आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर दौड़े और काफी मशक्कत के बाद मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला। घायलों को तुरंत रहुई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां से डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल बिहारशरीफ रेफर कर दिया। वहां डॉक्टरों ने आशीष को मृत घोषित कर दिया, जबकि दादी और निरंजन को गंभीर हालत में विम्स पावापुरी भेजा गया। इलाज के दौरान सुबह फुलिया देवी ने भी दम तोड़ दिया। वर्तमान में निरंजन की हालत चिंताजनक बनी हुई है।

 

घटना की सूचना पाकर रहुई थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू कर दी है। थानाध्यक्ष कुणाल कुमार ने बताया कि जर्जर मकान का छत गिरने से यह हादसा हुआ है, जिसमें दादी और पोते की मौत हुई है, जबकि एक पोता गंभीर रूप से घायल है।

 

इस घटना के बाद गांव में मातम पसर गया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। ग्रामीणों ने प्रशासन से पीड़ित परिवार को मदद देने की मांग की है ताकि उनका कुछ सहारा बन सके।