बांका जिले के अमरपुर प्रखंड के इटहरी गांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय रामचंद्रपुर के छात्र आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। स्कूल जाने के लिए उन्हें कीचड़ और गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है। बारिश के दिनों में यह रास्ता और भी दुर्गम हो जाता है, जिससे बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
छात्रों के अनुसार, इस रास्ते से गुजरते वक्त अक्सर वे फिसलकर चोटिल हो जाते हैं। कई बार गंदे पानी में मौजूद बैक्टीरिया के कारण वे बीमार भी पड़ जाते हैं। स्कूल के शिक्षक भी इस कठिन रास्ते से गुजरते समय गिरने से नहीं बच पाते।
प्रधानाध्यापक केदारनाथ शर्मा का कहना है कि गंदे पानी से होकर आने वाले बच्चों के कपड़े खराब हो जाते हैं, जिससे उन्हें घर वापस भेजना पड़ता है ताकि वे साफ कपड़े पहनकर लौटें। यह स्थिति बच्चों की पढ़ाई पर नकारात्मक असर डाल रही है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जिला परिषद सदस्य को इस समस्या की लिखित शिकायत दी गई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से यह समस्या बनी हुई है, लेकिन अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो बड़ी संख्या में बच्चे गंभीर संक्रामक बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। ग्रामीणों और अभिभावकों ने प्रशासन से तत्काल स्थायी समाधान की मांग की है।