बांका में मृत शिक्षक पर केस दर्ज, पांच वर्ष पूर्व हो चुकी है मृत्यु, बिना जांच के हुई एफआईआर

 

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रिपोर्ट-निवास कुमार सिंह (शम्भूगंज)

बांका। जिले में फर्जी प्रमाणपत्र मामले की जांच के दौरान निगरानी अन्वेषण ब्यूरो और शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां पांच वर्ष पूर्व जिन शिक्षक की मृत्यु हो चुकी है, उन्हीं के खिलाफ निगरानी की टीम ने हाल ही में प्राथमिकी दर्ज करा दी। इस कार्रवाई से मृतक शिक्षक के परिजन और स्थानीय शिक्षक संगठन आक्रोशित हैं।

 

जानकारी के अनुसार मिर्जापुर पंचायत के सोनडीहा निवासी निरंजन कुमार प्राथमिक विद्यालय मेहरपुर में शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। वर्ष 2021 में कोरोना काल के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी। परिजनों ने मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि प्रखंड बीआरसी कार्यालय से लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय तक भेजी थी। इसके बावजूद दो दिन पूर्व निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने निरंजन कुमार पर फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज करा दिया।

 

जांच रिपोर्ट में मृतक शिक्षक निरंजन कुमार के साथ-साथ सोनवर्षा प्रखंड की शिक्षिका पल्लवी कुमारी का शैक्षणिक प्रमाणपत्र भी फर्जी पाया गया। पल्लवी प्राथमिक विद्यालय जगतापुर में पदस्थापित थी और वर्ष 2018 से ही लापता बताई जा रही है।

 

निगरानी टीम की इस कार्रवाई से मृतक शिक्षक के परिजन गहरे आहत हैं। पत्नी खुशबू कुमारी, बड़े भाई एवं प्रखंड के पूर्व प्रमुख जितेंद्र यादव तथा छोटे भाई मनीष कुमार ने कहा कि विभाग को पहले ही शिक्षक की मृत्यु की सूचना दी जा चुकी थी, बावजूद इसके मृतक पर केस दर्ज करना दुर्भाग्यपूर्ण और अमानवीय है। इस घटना से प्रखंड शिक्षक संघ में भी गहरी नाराजगी है।

 

शम्भूगंज थानाध्यक्ष मंटू कुमार ने बताया कि शुक्रवार को मृतक शिक्षक का मृत्यु प्रमाण पत्र उनके परिजनों ने प्रस्तुत किया है। इस संबंध में पूरी जानकारी जिला स्तर पर भेज दी जाएगी।